बुधवार, 16 अप्रैल 2025

मऊ :प्राईवेट स्कूलों मे मनमानज दामो पर बेची जा रही है कापी और किताबें व फीसे।||Mau:Copies, books and fees are being sold at arbitrary prices in private schools.||

शेयर करें:
मऊ :
प्राईवेट स्कूलों मे मनमानज दामो पर बेची जा रही है कापी और किताबें व फीसे।
।।देवेन्द्र कुशवाहा।।
दो टूक : शिक्षा क्षेत्र में निजी स्कूलों में इन दिनों अभिभावकों का जमकर शोषण किया जा रहा है। स्कूलों में कॉपी-किताबों व ड्रेस की दुकानें खुल गई हैं।स्कूलों की महंगे दामों में किताबें और यूनिफार्म खरीदने को मजबूर अभिभावकों में नाराजगी है।वही एडमिशन फीस के नाम पर जमकर शोषण किया जा रहा है।

    क्षेत्र मे दो दर्जन से अधिक निजी स्कूल हैं। जिसमें अप्रैल माह से ही एडमिशन चालू है।निजी स्कूलों के संचालकों की ओर से शासन की गाइड लाइन की अनदेखी किया जा रहा है शासन की गाइड लाइन की उपेक्षा करते हुए महंगी कापियां और किताबें स्कूल परिसर में ही ऊंची कीमतों पर बेचीं जा रही है।इन विद्यालयों में एडमिशन फॉर्म से शुरू होने वाली वसूली किताबें,कापी,स्कूली वाहन,और परीक्षा शुल्क के रूप में सालों भर जारी रहता है।हर साल 10-20 प्रतिशत फीस की बढ़ोतरी इन विद्यालयों द्वारा किया जा रहा है।तीन से चार महीने की एडवांस फीस जमा करवाया जाता है।एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने पर भी एडमिशन फीस लिया जा रहा है।ज्यादा कमीशन देने वाले प्रकाशन की पुस्तकें और मर्जी की ड्रेस लगाते है।हर साल इन विद्यालयों में किताबें बदल दी जाती है।की हर साल बच्चे किताबें खरीदें। हर कक्षा के हिसाब से कॉपी, किताब, कवर, नेम स्लिप का पैक बनाकर महंगे दाम पर बेचते हैं। क्षेत्र में जितने स्कूल है उतने ही प्रकाशन की किताबें अलग-अलग स्कूल में पढ़ाई जा रही है।कुछ इसी तरह का खेल यूनिफार्म में भी है। स्कूल की ओर से रेडीमेड कपड़ों की चिह्नित दुकान को स्कूल का मोनोग्राम उपलब्ध कराते हैं। अगर कोई यूनिफार्म सिलवाना या दूसरी दुकान से खरीदना चाहे तो मोनोग्राम न होने से सिलवाना बेकार होता है। सूत्रों की मानो तो किताबें व यूनिफार्म पर विघालयों को 50 प्रतिशत कमिशन होता है। प्ले ग्रुप से कक्षा पांच तक की किताबें 4-5 हजार रुपए की इन स्कूलों द्वारा बेचीं जा रही है।क्षेत्र के अभिभावक रामनिवास सिंह, प्रभंस कुमार,धर्मचंद पान्डेय, बृजबिहारी सिंह अरूण, अशोक कुमार,अजीत यादव, पवन,सोनू आदि लोगों ने जिला प्रशासन से इस तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुए निजी स्कूलों पर नकेल लगाने की गुहार लगाए हैं।
इस सन्दर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि इस तरह का मामला संज्ञान में नहीं है जांच कराकर उन विघालयों के खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा।